इक दर्द उठा है सीने में और याद तुम्हारी आयी है, इक आह भरी है होठों ने और आँख मेरी भर आयी है
खुद्दारी बिक गयी गिरवी हमारी शान रखी है, दिल देने की कीमत उसने हमारी जान रखी है।।