Friday, 27 May 2016

तुझको ही लिखता रहूँ......

तुझको ही लिखता रहूँ हर घड़ी,
मुझे तेरे सिवा कोई सुध न रहे,

तू ही तू जो रहे सारी कायनात में,
तो दुनिया में चाहे फिर  कुछ न रहे

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