तन्हाईयाँ बाटने के लिए यहां इंसान नहीं मिलता साहब, इसलिए हमने अपनी एक अलग दुनिया बना रखी है, मेरी अपनी ख्वाबों की दुनिया जिसमें मैं कभी भी, कहीं से भी दाखिल हो सकता हूँ, समझिए server से कनेक्ट होने जैसा है। मजे की बात ये है कि इसमें client भी मैं ही हूँ और server भी।
और सबसे काम की बात बताता हूँ , वहां Engineering नाम की कोई पढाई नहीं होती, और न ही strength of material जैसा कोई विषय है।
वहां पर कुछ मेरे ही जैसे लोग हैं जो बिल्कुल मेरी तरह ही दिखते हैं। मेरी तरह ही सभी के पास हजारों कहानियां हैं जो हम एक दूसरे को सुनाते रहते हैं, कोई जीत की, कोई हार की, कोई दर्द की, कोई प्यार की रोमांचक कहानियां सुनाता है। वहां कोई शख्स परेशान नहीं दिखता मुझे सभी साथ हंसते हैं साथ खेलते हैं।
वहां किसी को भूख भी नहीं लगती और न ही वहाँ गरीब और अमीर रहते हैं, वहां सिर्फ इंसान रहते हैं।
वहां कोई किसी को तकलीफ नहीं देता सब programmed हैं मेरी दुनिया में और वहां का programmer मैं ही हूँ न, लेकिन वहां की programming #include<stdio.h> से नहीं शुरू होती, वहाँ सारी programming मेरे विचारों से ही हो जाती है।
कितना सुकून मिलता है उस दुनिया में,मेरा बस चले तो मैं वहाँ से कभी वापस ही न आऊ, भला कौन लौटना चाहेगा ऐसी दुनिया से जो इस बेकार, निर्दयी और संवेदनहीन दुनिया से परे हो,जिसमें हजारों रोमांचक कहानियां कैद हो और जहां आप कभी तन्हा न रहें।
Monday, 20 February 2017
मेरी दुनिया
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ReplyDeleteu are heartly welcome maam
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ReplyDeletePranam sir
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