Wednesday, 28 December 2016

एक गौरैया

एक गौरैया अब आँगन से
कम ही निकला करती है।
एक गौरैया अब कौओं की
करतूतों से डरती है।।

एक गौरैया अब मेरे
गलियारे से कतराती है।
एक गौरैया अब कौओं की
नजरो सें भय खाती है।।

एक गौरैया अब खुद को
पिंजरे में सलामत पाती है।
एक गौरैया अब अपने
घर जाने से घबराती है।।

No comments:

Post a Comment